One Nation, one election 2019


One Nation, One Election
एक राष्ट्र, एक चुनाव 2019



एक देश-एक चुनाव:  'अच्छा कदम पर फैसला लागू कराना होगा मुश्किल



भारत कीं एक बडी  Democracy हैं।  जो कि दुनिया में सबसे बड़ी मानीं जाती हैं।  भारत का लोकतंत्र हीं भारत को बेहतर और महान बनाता है। भारत में लोकतंत्र के आधार पर चुनाव होते हैं। लोकसभा चुनाव, राज्यों के चुनाव और सभी  राज्यों में लोकतंत्र के आधार पर चुनाव होते हैं।

One Nation, One Election
एक राष्ट्र, एक चुनाव 2019


One Nation, One Election 2019


One Nation one election
One Nation one election 


दुनिया की सबसे बड़ी Democracy  भारत में दिखाई देती है। मगर भारत कीं इतने बड़े लोकतंत्र को maintain  करना बहुत मुश्किल हैं। बाकी देश के तुलना में भारत में चुनाव के दौरान eci को बहुत खर्च होता है ।भारत सरकार के चुनाव और राज्यों के चुनाव एक साथ न होने के कारण बार बार चुनाव आयोग को खुप सारी समस्याओं का सामना करना पड़ता हैं।

One Nation, One Electionएक राष्ट्र, एक चुनाव 

लोकसभा चुनाव 2009 में चुनाव का खर्चा 1.483 करोड़ रुपये हुआ था।

लोकसभा चुनाव 2014 में चुनाव का खर्चा 3,870.3 करोड़ रुपये हुआ था। (eci)

 लोकसभा चुनाव 2019 में चुनाव का खर्चा अभी तक बताया गया नहीं है। एक सर्वे के अनुसार center for media studies  ने बताया हैं कि भारत के पूरे पार्टीओका का खर्चा लगभग 50,000 करोड़ रुपये हुआ है। और आगे चलकर यह खर्चा और भी बढत हुए नजर आएंगा। इसी तरह खर्चा होने के कारण विकास की गति रुख जाती है। अलग-अलग राज्यों में चुनाव के दौरान चुनाव आयोग, रेलवे का योगदान, सुरक्षा, सभा में खर्चा और भी कई सारे विषयों में चुनाव के दौरान नुकसान उठाना पड़ता है।

सबी चुनाव एक साथ लेने की संभावना 


इसी लिए चुनाव  पुरे भारत में एक साथ  होने के लिए तैयारियां शुरू हुईं हैं। एक साथ चुनाव होने पर समय और खर्चा बचाया जा सकता है। और पुरे 5 साल में विकास के गति बढ सकतीं हैं।

एक साथ चुनाव का मतलब भारत के पूरे राज्यों चुनाव एक साथ होंगे। काश्मीर से तमिलनाडु और गुजरात से मिझोराम तक। लोकसभा चुनाव के साथ विधान सभा चुनाव होंगे।
चुनाव में ओटर जायेगा पहला ओट देश के लिए, केंद्रीय सरकार के लिए और दुसरा ओट देगा राज्य सरकार के लिए।
इस तरह चुनाव एक साथ होने पर अगले 5 साल सिर्फ विकास के लिए  दियें जायेंगे।

पहले भारत के चुनाव एक साथ होते थे। 1952 -1967 तक भारत के सभी चुनाव एक साथ होते थे। धीरे-धीरे इस में बदलाव होता गया। मान लीजिए किसी राज्य की सरकार दो साल तक चलीं, तो वहां चुनाव लेने पढें। कई राज्य नये तैयार किए गए, तो वहां चुनाव लेने पढें। इसी तरह चुनाव एक साथ होंने पर कई समस्या आईं, इसी तरह चुनाव अलग-अलग समय के साथ होने लगे।









No comments:

Post a Comment

Thank you for comment